दर्द भरा आशियाना 

बस कुछ दिनों की बात है,
ये दर्द - ऐ -दिल की रात है ,
यूं ही-----गुज़र जाएगी ,
आज रुला ले तुझे जितना रुलाना है ,
कल फिर किसको रुलाएगी ..........
प्यार तुम्ही से , हम करते है दिल से ,
ये बात तू कब समझ पायेगी ,
आज रुला ले तुझे जितना रुलाना है ,
कल फिर किसको रुलाएगी ..........
सुबह -सुबह जब हम ,जागते है नींदों से ,
देखते है उसको , जो रात खवावो में आई थी ,
आज सता ले, तुझे जितना सतना है ,
कल फिर किसको सताएगी ..........
शर्मा का दिल तो आ गया तुझपे,
कैसे तू खुद को बचाएगी ……
आज रुला ले तुझे जितना रुलाना है ,
कल फिर किसको रुलाएगी ..........
Signature Naveen Shrotriya utkarsh
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- नवीन के श्रोत्रिय 
श्रोत्रिय निवास बयाना 
दर्द भरा आशियाना
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