छं द : म हा शृं गा र प्रकृति सब झूम उठी है आज सुगंधित तन मन आँगन द्वार बिछाये पलकें बैठी देख रत्नगर्भा करने श्रृंगार पालना डाले द्रुम दल और पुष्प ने पहनाया परिधान झुलाती झूला … Read more »
छं द : म हा शृं गा र प्रकृति सब झूम उठी है आज सुगंधित तन मन आँगन द्वार बिछाये पलकें बैठी देख रत्नगर्भा करने श्रृंगार पालना डाले द्रुम दल और पुष्प ने पहनाया परिधान झुलाती झूला … Read more »
महाशृंगार छन्द का विधान १- यह चार पक्तियों का छन्द है, प्रत्येक पक्ति में कुल 16 मात्रायें हो ती हैं हर पक्ति का अन्त गुरु लघु से करना अनिवार्य , दूसरी ओर चौथी पक्ति में तुकान्त मिलान उत्तम पहली और तीसरी तथा दूसरी और चौथी पंक्ति तुक… Read more »
लेखक नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष श्रोत्रिय निवास, बया…
प्रोफ़ाइल देखेंउत्कर्ष कवितावली का संचालन कवि / लेखक नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष द्वारा किया जा रहा है। नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर वैर तहसील के गांव गोठरा के रहने वाले हैं।
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