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ऋतुराज बसन्त(महाशृंगार) Rituraj basant [mahashringar Chhand]

छं द : म हा शृं गा र प्रकृति    सब   झूम  उठी है आज सुगंधित   तन    मन  आँगन द्वार बिछाये    पलकें       बैठी    देख रत्नगर्भा          करने         श्रृंगार पालना    डाले     द्रुम    दल   और पुष्प     ने      पहनाया      परिधान झुलाती    झूला   … Read more »

महाश्रृंगार छंद /MahaShringar chhand

महाशृंगार  छन्द का  विधान   १- यह चार पक्तियों  का  छन्द है, प्रत्येक पक्ति में कुल  16  मात्रायें हो ती हैं हर पक्ति  का  अन्त गुरु  लघु से करना अनिवार्य , दूसरी  ओर  चौथी  पक्ति  में  तुकान्त  मिलान  उत्तम पहली और तीसरी तथा दूसरी और चौथी पंक्ति  तुक… Read more »

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