ग़ज़लें वो नहीं जो सिर्फ महफ़िल थाम लेती है
ग़ज़लें वो भी नहीं, जो गम को उफान देती है
ग़ज़लें वो है,जिनसे प्यार झलकता है,वफ़ा महकती है
ग़ज़लें वो है जिनमे किस्सा - ऐ - दोस्ती है
ग़ज़लें दिलजले का दिल जलाती है,
जला है,जिनकी की यादों में,
उस शख्स को,ग़ज़ल याद दिलाती है,
थाम लेता ये #शर्मा सांसे अपनी,
गर ग़ज़लें इसने सुनी न होती ,
मिट जाती मोहब्बत इस दुनियां से,
गर दुनियां में ग़ज़ल-ऐ -बेवफा न होती,
सूख जाते ये #_सुर्ख_गुलाबी_लव,
गर ग़ज़लों ने इनपे लाली डाली न होती,
कहे दिलबरो और दिलजलों को शर्मा,
मुस्कराते रहो,मुस्कान कभी टूटने न पाये,
जान जाए तो जाए,मोहब्बत का दमन कभी छूटने न पाये,
मोहब्बत हर किसी को अपना बना लेती है,
वो मोहब्बत ही है यारो जो हर दर्द की दवा होती है।
- नवीन श्रोत्रिय
श्रोत्रिय निवास बयाना
utkarsh kavitawali |
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