दोहा मुक्तक
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जय श्री राधे श्याम जी,जय गुरुवर,गुणिधाम ।
पंचभूत, गृहदेव जी,करता तुम्हे प्रणाम ।
भूल हुई कोई अगर,क्षमा दान दो आप ।
कृपा रखो मुझ दीन पर,करो पूर्ण सब काम ।।
नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष
श्रोत्रिय निवास बयाना
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जय श्री राधे श्याम जी,जय गुरुवर,गुणिधाम ।
पंचभूत, गृहदेव जी,करता तुम्हे प्रणाम ।
भूल हुई कोई अगर,क्षमा दान दो आप ।
कृपा रखो मुझ दीन पर,करो पूर्ण सब काम ।।
नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष
श्रोत्रिय निवास बयाना
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