महाशिव रात्रि आई,सब शिवालय सजे है,
कालो के काल,महाकाल कैलाश चढे है,
घूँट लो भंगिया,बाबा नांदिया,कहने लगे है
इस पावन पर्व के रस में सब बहने लगे है,
महाशिवरात्रि के पर्व की अग्रिम शुभकामनाये
नवीन श्रोत्रिय “उत्कर्ष”
महाशिव रात्रि आई,सब शिवालय सजे है,
कालो के काल,महाकाल कैलाश चढे है,
घूँट लो भंगिया,बाबा नांदिया,कहने लगे है
इस पावन पर्व के रस में सब बहने लगे है,
महाशिवरात्रि के पर्व की अग्रिम शुभकामनाये
नवीन श्रोत्रिय “उत्कर्ष”
लेखक नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष श्रोत्रिय निवास, बया…
प्रोफ़ाइल देखेंउत्कर्ष कवितावली का संचालन कवि / लेखक नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष द्वारा किया जा रहा है। नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर वैर तहसील के गांव गोठरा के रहने वाले हैं।
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