आ•महेंद्र जैन “मनु” जी की कलम से 

आदरणीय नवीन जी को सादर प्रणाम करतें हुए
अपनी छोटी सी बात कहता हूँ !
माँ शारदा के पुत्र की समीक्षा करना अत्यन्त कठीन विषय है !  सूरज को दीपक दिखा कर कोनसी स्तुति मंत्र पढूं ! हर विधा के राजकुमार की हम राज तिलक से सम्मान करें ! आपकी पहली दूसरी रचना में सुप्रभात व वीरता के अद्भुत विचार प्रस्तुत है ! मै आपके उत्कर्ष जीवन के लियें शुभकामनाऐं देता हूँ !
       समीक्षक :
सा• महेंन्द्र जैन “मनु”
     इन्दौर
Utkarsh Kavitawali
Mahendra Jain Manu Indaur
Writes Review By : Mahendra Jain Manu Indaur