नजारों में कहाँ अब हम,नहीं पहचान पाओगे ।
मगर जिंदा अभी हम हैं,कभी तो जान जाओगे ।
भुला सकते नहीं हमको,भगत हम श्याम के ठहरे ।
चले आयेंगे यादों में,भजन जब आप गाओगे ।।
नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष
श्रोत्रिय निवास बयाना
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