छंद : मदन/रूपमाला
विधान : 24 मात्रा, 14,10 पर यति, आदि और अंत में वाचिक
भार 21 कुल चार चरण, क्रमागत दो-दो चरणों में तुकांत
भार 21 कुल चार चरण, क्रमागत दो-दो चरणों में तुकांत
देख उसको दिल मचलता, प्रेम है या भोग
बोध मुझको इसका नहीं, कौनसा यह रोग
देख लेता जब तक न मैं, चित्त को कब चैन
चाँद होगा अपना कभी, स्वप्न बुनती रैन
मदन-रूपमाला छंद |
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