BHAKTIPAD
नाय करी मैंने माखन चोरी
अकारथ मोय फ़ँसा रहीं रीबात बनामत कोरी
निस दिन छेड़त,कारौ कह-कह,और आप कूँ गोरी
छुपा बाँसुरी, मारै कांकर,कहें मटकिया फोरी
करौ भरोसौ को विधि मैया,तू तो है बड़ भोरी
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