बसन्त (नई कविता) छाई दिल में उमंग,मन हुआ है प्रसन्न सब झूम रहे है,आया झूम के  ये बसंत चारो  तरफ  हरियाली  है, रुत  ये  खुशियों  वाली है सब के चेहरे खिले हुए  है, छाई होटों पे  खुशहाली है हुआ पूर्ण समय  ज्वलंत, हुआ  सब कष्टो  का अंत सबके चित हुए … Read more