नमन करूँ मैं माँ शारद को,
करना माते सदा सहाय ।
लिखूँ ख्वाब में हाथ कलम ले,
जो मेरे मन को हर्षाय ।
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सरकारी मैं करूँ नौकरी,
बन अफसर जो ऑफिस जाय ।
लटके है जो काम अभी तक,
सभी काम दूँ फिर निपटाय ।
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घर वाले सब हर्षित होवे,
खानदान दूँ मैं चमकाय ।
मात पिता का नाम करूँ मैं,
संग देश गर्वित हो जाय ।
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करना पूरण इच्छा दाता,
बालक इतना मांग रहाय ।
यही एक सपना बस मेरा,
जो पलको पर जगह बनाय ।
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✍नवीन श्रोत्रिय"उत्कर्ष"©
+91 84 4008-4006
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