!! रुनू बरुवा "रागिनी" जोरहाट जी की कलम से !!
रुनू बरुवा रागिनी |
नवीन जी के विषय में पढ़कर उनके बारे में बहुत कुछ ज्ञात हुआ | इतनी कम उम्र में आपने जीवन के कई क्षेत्रों में महारत हासिल की है जो काबिले तारीफ है | उपनाम भी आपके योग्य है | पहली कविता भोर भई... में आपने जीवन को उसके महान उद्देश्य के साथ जीने के लिए प्रेरित किया है | दुसरी कविता में राजस्थान की गौरव गाथा का भान मिलता है | एक महान संस्कृति की हम इसमें झलक देख पाते है | आपको जीवन में और सफलता मिले और आप की मनोकामनाए पूर्ण हो...शुभकामनाओं के साथ.
समीक्षका : सा• रुनू बरुवा "रागिनी" जी जोरहाट |
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