आजाऔ मिलबे सजन, जमना जी के पार तड़प रही   हूँ  विरह में, करके   नैना  चार कैसे  आऊँ   मैं   प्रिया, जमना  जी के पार घायल  मोहे  कर   गए, तेरे   नयन   कटार तुम  तौ  घायल है गए, देख  कोउ कौ रूप मैं  बैरानिया  हूँ   बनी, तेरी  जग   के  भूप मै… Read more