सो जा मेरी जान,मेरे कंधे पर सर अपना रख कर , मैं भी चैन से जी पाउँगा, तेरा नजदीक से दीदार कर सो जा मेरी जान, मेरे कंधे पर,सर अपना रख कर , तू फलक के उन सितारों सा, मेरी दिल की जमी का सितारा है , दिल जलता है मेरा , तुझको कोई निहारे गर ,… Read more
सो जा मेरी जान,मेरे कंधे पर सर अपना रख कर , मैं भी चैन से जी पाउँगा, तेरा नजदीक से दीदार कर सो जा मेरी जान, मेरे कंधे पर,सर अपना रख कर , तू फलक के उन सितारों सा, मेरी दिल की जमी का सितारा है , दिल जलता है मेरा , तुझको कोई निहारे गर ,… Read more
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उत्कर्ष कवितावली का संचालन कवि / लेखक नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष द्वारा किया जा रहा है। नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर वैर तहसील के गांव गोठरा के रहने वाले हैं।
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