!! बचपन !! [ मत्तग्यन्द/मालती सवैया ] (प्रथम) बालक थे जब मौज रही,मन चाह रही वह पाय रहे थे । खेल लुका छिप खेल रहे,मनमीत नये हरषाय रहे थे । चोट नही तन पे मन पे,उस वक़्त खड़े मुस्काय रहे थे । रोक रहो कब कौन हमें,सब आपहि प्रीत लुटाय रहे थे । (द… Read more
!! बचपन !! [ मत्तग्यन्द/मालती सवैया ] (प्रथम) बालक थे जब मौज रही,मन चाह रही वह पाय रहे थे । खेल लुका छिप खेल रहे,मनमीत नये हरषाय रहे थे । चोट नही तन पे मन पे,उस वक़्त खड़े मुस्काय रहे थे । रोक रहो कब कौन हमें,सब आपहि प्रीत लुटाय रहे थे । (द… Read more
Get all latest content delivered straight to your inbox.
Get all latest content delivered straight to your inbox.
उत्कर्ष कवितावली का संचालन कवि / लेखक नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष द्वारा किया जा रहा है। नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर वैर तहसील के गांव गोठरा के रहने वाले हैं।
अधिक जाने.... →
Follow Us
Stay updated via social channels-
-
-
-
-