पर मानी न मैंने भी हार
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| Per Maani Na Maine Bhi Haar |
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बहुत सुंदर, संघर्ष को प्रेरित करती रचना नवीन जी। बधाई और रंगों के पावन पर्व की हार्दक शुभकामनाएँँ💐💐
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हार्दिक आभार मालती जी, आपको व आपके समस्त स्नेहीजनों को होली के महापर्व की हार्दिक बधाइयाँ
Deleteब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 17/03/2019 की बुलेटिन, " होली का टोटका - ब्लॉग बुलेटिन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
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सराहना के लिये दिली आभार आदरणीय
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सराहना के लिये हार्दिक आभार अनिता जी
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उत्कर्ष कवितावली का संचालन कवि / लेखक नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष द्वारा किया जा रहा है। नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर वैर तहसील के गांव गोठरा के रहने वाले हैं।
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18 Comments
बहुत सुंदर और सकारात्मक भावों से भरी गेयता से भरपूर रचना प्रिय नवीन जी। होली की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteसराहना के लिये आपका दिल से आभार व्यक्त करता हूँ ।
Deleteआपको एवं आपके समस्त स्नेहीजनों को भी प्रेमरंगों के महापर्व होली की अनन्त बधाइयाँ
अती उत्तम उत्कर्स जी।
ReplyDeleteसादर आभार जी
Deleteअती उत्तम उत्कर्स जी।
ReplyDeleteहार्दिक आभार
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