तांटक छंद : Tantak Chhand चोरी छिपकर वार किया है, जिन नापाकी श्वानों ने । कभी न उनको सबक सिखाया, गाँधीवादी गानों ने । मार्ग अहिंसा का अपनाना, कलयुग में कायरता है । जो इसको अपनाता है वह, कायर जैसे मरता है । कितनी… Read more
तांटक छंद : Tantak Chhand चोरी छिपकर वार किया है, जिन नापाकी श्वानों ने । कभी न उनको सबक सिखाया, गाँधीवादी गानों ने । मार्ग अहिंसा का अपनाना, कलयुग में कायरता है । जो इसको अपनाता है वह, कायर जैसे मरता है । कितनी… Read more
आन बान शान रख, और पहचान इक भारती का वीर रख, अडिग जुबान को काट डाल रार वाली, खरपतवार जड़ चूर कर डाल गिरि, जैसे अभिमान को दीमक लगी हो जित, उत भी नजर डाल देश से बाहर कर, देश द्रोही श्वान को देश की अखंडता के, लिये ये जरूरी यज… Read more
विश्व गुरु भारत अपना महान विश्व गुरु भारत अपना महान नही कोई दूजा इसके समान नही कोई दूजा.....नही कोई... विश्व गुरु............नही कोई... सिक्ख ईसाई हिन्दू मुस्लिम, सब मिलजुल कर रहते है सुख दुख अपना आपस बांटे, साथ सभी का, हम देते ह… Read more
मुक्तक : हिन्दू,हिंदी,हिंदुस्तान जय - जयकार करेगी दुनिया,हिंद वीर मतबारों की अडिग हिमालय सी हिम्मत है,आदत नही सहारो की ठान लिया हमने हिंदी को,शीर्षस्थ पहुंचाना है जग में केवल हिंदी होगी,हिंदी राज दुलारों की Muktak Read more
देशहित गीत [ Desh Bhakti Geet ] पाकिस्तान करे मनमानी, उसे जवाब जरूरी है मूक बने बैठे क्यों मोदी,आखिर क्या मजबूरी है छप्पन इंच का सीना फिर, क्यों ये साहस खोता है मौन साधना देख तुम्हारी, वीर सिपाही रोता है नैन अगारी देश द्रोह … Read more
आरक्षण Aarakshan/Reservation (गीत) आरक्षण का दानव खाता, हक मेरे जीवन का फिर भी खुद को भूखा कहता, शायद यत्न हनन का आरक्षण का दानव खाता, हक मेरे जीवन का...... अर्थ स्थिति डामाडोल पर, नहीं रियारत मुझे मिली वर्षो से उ… Read more
"मेरा देश-मेरा भारत" रहमान संग में यहाँ,ईसा, नानक, राम । वीरों की जननी यही,भारत इसका नाम ।। विश्व पटल पर छाया न्यारा । प्यारा भारत देश हमारा ।। राणा, पन्ना, भामा, मीरा । यही हुए रसखान,कबीरा ।। चरक,हलायुध,अब्दुल,भाभा । विश्व पटल की … Read more
मेरा भारत देश कहाँ [ Mera Bharat Desh Kahan ] चूम लिये फांसी का फंदा,भगतसिंह सुख,राज जहाँ इंकलाब की बोलो वाला,मेरा भारत देश कहाँ वो प्यारा भारत देश कहाँ, अंग्रेजो का महल ढहाया, वो दीवानी नारे थे भारत को जीने वाले वह,माँ भारति के प्यारे थे … Read more
गजल : मेरी ख्वाहिश ★ ★ ★ ★ ★ Behar : 212-212-212-212 देश की शान मैं यूं बढाता रहूँ शीश झुकने न दूं मैं कटाता रहूँ काट दूँ हाथ वो,जो उठे देश पर दुश्मनो को युँ हीं मैं मिटाता रहूँ में लड़ाई लड़ूं आखिरी सांस त… Read more
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उत्कर्ष कवितावली का संचालन कवि / लेखक नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष द्वारा किया जा रहा है। नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर वैर तहसील के गांव गोठरा के रहने वाले हैं।
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