छन्द : कुण्डलिया ---------------------- अज्ञानी बिन आपके,ज्यो जल बिन हो मीन । कृपा करो माँ शारदे,विनती करे नवीन ।। विनती करे नवीन,सूझ कब तुम बिन माता । दो मेधा का दान,मात मेधा की दाता । जग करता गुणगान,मात तुम आदि भवानी । मिले तुम्हारा साथ,… Read more »
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