राधिका छंद : Radhika Chhand
छंद विधान :–
22 मात्राओ के साथ 13/9 पर यति होती है । यति से पहले और बाद में त्रिकल आता है ।
कुल चार चरण होते हैं , क्रमागत दो-दो चरण तुकांत होते हैं |
(1)
खेलें मिल सारे फाग, प्रेम की धुन में
कामना रहे ना बैर,आज फाल्गुन में
मले प्रेम वाले रंग, मोद भर मन में
चले प्रीत वाली ब्यार,प्रेम कण कण में
(2)
भोर भयी आलस त्याग,ठान तू मन में
लक्ष्य पर निशाना साध,जोर भर तन में
विपदा आएंगी लाख,देख मत डरना
हौसलो की पार बाँध, धीर धर बढ़ना
(3)
तुम ही मेरी रागिनी,गीत तुमसे ही
तुम ही अब मेरी चाह,प्रीत तुमसे ही
कहाँ छिपी तुम राधिका,ढूँढता वन वन
कर दो अब मुझको पूर्ण,कहें यूँ मोहन
नवीन श्रोत्रिय “उत्कर्ष”
श्रोत्रिय निवास बयाना
+91 84 4008-4006
Radhika Chhand : Utkarsh Kavitawali |
Radhika Chhand : Utkarsh Kavitawali |
0 Comments
एक टिप्पणी भेजें
If You Like This Post Please Write Us Through Comment Section
यदि आपको यह रचना पसन्द है तो कृपया टिप्पणी अवश्य करें ।