मुक्तक माला
                            प्रेम    को    मन    में     तुम     अब     जगह   दीजिये
                          
                        
                            नफरतो  को   न   अब    यूं    हवा   दीजिये
                          
                        
                            मुश्किलो    से   मिला  है   इंसा   का   जनम
                          
                        
                            इस   जनम   को   न   तुम  यूं  गवाँ  दीजिये
                          
                        
                            बसे हो इस कदर दिल में, भुला तुमको  न पाएंगे
                          
                        
                            चलेंगी साँस  ना  फिर ये, तुम्हे  जो  भूल जाएंगे
                          
                        
                            सदा से ही अभी तक तुम, रहे मन मीत मेरे  इक
                          
                        
                            दिलो  की  प्रीत  को ऐसे, सदा  दिल से निभाएंगे
                          
                        
                          -----------------------------------------------------
                        
                        
                                   
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