आरक्षण Aarakshan/Reservation (गीत)
                              आरक्षण   का   दानव   खाता,
                            
                            
                              हक    मेरे   जीवन का
                            
                            
                              फिर भी खुद को भूखा कहता,
                            
                            
                              शायद  यत्न हनन का
                            
                            
                              आरक्षण  का    दानव   खाता,
                            
                            
                              हक   मेरे   जीवन का......
                            
                          
                              अर्थ  स्थिति  डामाडोल  पर,
                            
                            
                              नहीं  रियारत मुझे मिली
                            
                            
                              वर्षो   से   उम्मीद    नैन   में,
                            
                            
                              इसके चलते नही खिली
                            
                            
                              वही  आज  हूँ  जो  पहले था,
                            
                            
                              खोट   जाति   बंधन का
                            
                            
                              आरक्षण   का   दानव  खाता,
                            
                            
                              हक     मेरे    जीवन का
                            
                          
                              सामान्य वर्ग  में  जन्म लिया,
                            
                            
                              क्या इसमें नहीं गरीबी है ?
                            
                            
                              अथवा  कोई “श्री” सम्बन्धी,
                            
                            
                              भी  सामान्य  करीबी  है ?
                            
                            
                              शिक्षा शुल्क अन्य से ज्यादा,
                            
                            
                              घर  मेरे   बरसे  धन का
                            
                            
                              आरक्षण  का  दानव खाता,
                            
                            
                              हक   मेरे    जीवन   का
                            
                            
                              ...... क्रमशः
                            
                          
                              नवीन श्रोत्रिय “उत्कर्ष”
                            
                            
                              श्रोत्रिय निवास बयाना
                            
                            
                              +919549899145
                            
                          | आरक्षण aarakshan/reservation (गीत) | 



 
                 उत्कर्ष कवितावली का संचालन कवि / लेखक नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष द्वारा किया जा रहा है। नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर वैर तहसील के गांव गोठरा के रहने वाले हैं।
उत्कर्ष कवितावली का संचालन कवि / लेखक नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष द्वारा किया जा रहा है। नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर वैर तहसील के गांव गोठरा के रहने वाले हैं।
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