उड़ियाना छंद
Udiyana Or Kundal Chhand
                            उड़ियाना  छंद विधान : 12/10 यति पहले व बाद
                          
                          
                            में त्रिकल अंत मे एक गुरु
                          
                        
                            जीवन का ध्येय एक, राम नाम जपना
                          
                          
                            मिले हमें विष्णुलोक,यही सत्य सपना
                          
                          
                            कौन  यहाँ मित्र,सगा, बंधु,  संबंध    है
                          
                          
                            माया   का यही जाल, मोह  आबंध   है
                          
                        कुण्डल छंद
                            कुण्डल छंद विधान : 12/10 यति पहले व बाद
                          
                          
                            में त्रिकल अंत मे क्रमशः  दो गुरु
                          
                          
                            राम  नाम  जाप करो, मोह   जाल  टूटे
                          
                          
                            मृत्यु  लोक   फेर सदा, जाप  करें   छूटे
                          
                          
                            हो  ये  भव पार जीव,जन्म  मृत्यु  भूलें
                          
                          
                            भूलें  जो  राम  नाम,इसी   बीच   झूलें
                          
                        
                            - नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष
                          
                          
                            श्रोत्रिय निवास बयाना
                          
                        | ![उड़ियाना व कुण्डल छंद [ Udiyana Or Kundal Chhand ] उड़ियाना व कुण्डल छंद [ Udiyana Or Kundal Chhand ]](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiEhexQlBGZWms5CB_liNToCIqZ7lC70Cv-zSPyD6P2a-TlsyGEOihacJHIqjEyesQPYyp9makROs1P68EW4uu2l-6vBCfcz9rmgofD4FOpl2tmofUdKbIRsJSer0pq0Uudj4wevpGqfmsN/s320/udiyana-kundal-chhand.png)  | 
| उड़ियाना व कुण्डल छंद [ Udiyana Or Kundal Chhand ] | 



 
                 उत्कर्ष कवितावली का संचालन कवि / लेखक नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष द्वारा किया जा रहा है। नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर वैर तहसील के गांव गोठरा के रहने वाले हैं।
उत्कर्ष कवितावली का संचालन कवि / लेखक नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष द्वारा किया जा रहा है। नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर वैर तहसील के गांव गोठरा के रहने वाले हैं।
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