वज़्न : 121 - 22 - 121 - 22 वफ़ा कहाँ है, कहीं कसर है नजर उठाओ, नज़र अगर है भली मुहब्बत, कभी नहीं थी भला यही है, बचा भँवर है चले कहाँ, हो, नसीब लेकर हो' अजनबी ये, उसे खबर है चुना उसे, जो, वफ़ा न जाने ख़ता तुम्हारी, घुसर - पुसर ह… Read more »
वज़्न : 121 - 22 - 121 - 22 वफ़ा कहाँ है, कहीं कसर है नजर उठाओ, नज़र अगर है भली मुहब्बत, कभी नहीं थी भला यही है, बचा भँवर है चले कहाँ, हो, नसीब लेकर हो' अजनबी ये, उसे खबर है चुना उसे, जो, वफ़ा न जाने ख़ता तुम्हारी, घुसर - पुसर ह… Read more »
लेखक नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष श्रोत्रिय निवास, बया…
प्रोफ़ाइल देखेंउत्कर्ष कवितावली का संचालन कवि / लेखक नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष द्वारा किया जा रहा है। नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर वैर तहसील के गांव गोठरा के रहने वाले हैं।
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