उत्कर्ष जुगलबंदी तुम्हारा देखकर चेहरा, हमें तो प्यार आता है तुम्हारे हाथ का खाना, सदा मुझको लुभाता है बसे हो आप ही दिल मे, बने हो प्राण इस तन के तुम्हारी आँख का काजल, मगर हमको जलाता है नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष तुम्हारी बात पर सज… Read more »
उत्कर्ष जुगलबंदी तुम्हारा देखकर चेहरा, हमें तो प्यार आता है तुम्हारे हाथ का खाना, सदा मुझको लुभाता है बसे हो आप ही दिल मे, बने हो प्राण इस तन के तुम्हारी आँख का काजल, मगर हमको जलाता है नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष तुम्हारी बात पर सज… Read more »
लेखक नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष श्रोत्रिय निवास, बया…
प्रोफ़ाइल देखेंउत्कर्ष कवितावली का संचालन कवि / लेखक नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष द्वारा किया जा रहा है। नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर वैर तहसील के गांव गोठरा के रहने वाले हैं।
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