पीले हाथ किये बाबुल ने,अपनी बेटी ब्याही है । अब तक तो कहलाई अपनी,अब वो हुई परायी है ।। नीर झलकता है पलको से,बेला करुणा की आयी । चली सासरे वह निज घर से,दुख की बदली है छायी ।। मात-पिता,बहिना अरु भाई,फूट - फूट कर रोते है । अपनी प्यारी लाडो से,द… Read more »
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