उत्कर्ष जी की उत्कृष्ट प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंकाश ! हम प्रदूषित और घुटते महानगरों के निवासियों के जीवन में भी कभी ऐसा मदमाता, ऐसा सुवासित, बसंत आए !
बहुत ही जीवंत वर्णन बसंत का प्रिय नवीन जी | काश द्र्हरा पर ये बसंत अक्षुण हो और साथ में आपकी लेखनी का बसंत यूँ ही खिला रहे | सस्नेह शुभकामनायें सुंदर लेखन के लिए |
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लेखक नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष श्रोत्रिय निवास, बया…
प्रोफ़ाइल देखेंउत्कर्ष कवितावली का संचालन कवि / लेखक नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष द्वारा किया जा रहा है। नवीन श्रोत्रिय उत्कर्ष मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर वैर तहसील के गांव गोठरा के रहने वाले हैं।
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14 Comments
आपकी लिखी रचना "मुखरित मौन में" शनिवार 23 फरवरी 2019 को साझा की गई है......... https://mannkepaankhi.blogspot.com/ पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंजी, हार्दिक धन्यवाद, जी हम अवश्य पढ़ेंगे
हटाएंबहुत सुन्दर सृजन ।
जवाब देंहटाएंसा• भारद्वाज जी सराहना के लिये कृतज्ञ हूँ ।
हटाएंवाह
जवाब देंहटाएंपरमादरणीय श्री जोशी जी, रचना पर अपनी अमूल्य प्रतिक्रिया द्वारा मेरा उत्साहवर्धन करने के लिए हार्दिक आभार
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